परिचय
साफ़-बात एक वेबज़ीन है जो स्वतंत्र, निडर और अच्छी तरह से शोध के बाद लिखे गए लेखों को प्रोत्साहित करती है। अपनी तरफ से हमने इन लेखों को जैसे सबसे उचित दिखा, उसी तरह से वर्गीकृत करने की कोशिश की है। ये लेख किसी विशेष क्रम में नहीं लिखे गए हैं। फिलहाल हम किसी विशेष समय पर लेख प्रकाशित नहीं करते।
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ये संदर्भ क्रमांकित होंगे, आमतौर पर संदर्भ # एक मानक वर्ग कोष्ठक (स्क्वायर ब्रैकेट) में उल्लेख किया जाएगा, उदाहरण के लिए [1]।
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हमारे लेखों में कहीं कहीं पर वाक्य और पैराग्राफ सूत्रों से शब्दशः उधृत हैं, हम स्रोत सामग्री को अत्यंत सम्मान देते हैं, समझें की इस बात को उद्धृत लेखकों की तुलना में बेहतर नहीं कहा सकता था.
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“जिसे कोई इंसान नहीं छपने देना चाहता, उसको छापना ही पत्रकारिता है, बाकी सब पब्लिक रिलेशन्स का काम है।” – जॉर्ज ऑरवेल
You are doing a true journalism. Hats off to u & your team.
Please give the name of the writer also with the Articles.
Being a peoples Web magazine , I think u should lift the copyright restrictions and let the articles republished on other platforms for a wider circulation among masses.
Thanks a lot for your kind words of encouragement.
Re: copyright, if our material is republished, we would just like a proper credit to be given.
Tujhe har baat se padesani hai ..
Bullet train q chal rahi ?solar pe invest q n hua,ja k pata kar solar pe kitna invest hua hai aur ye sarkar conventinal energy source pe dependancy kam karne k liye kya kaam kar rahi hai,tujh jaise pessimist ko to is baat pe bhi aapati hai japan ka loan chukane me rupiya kamjor ho jayega to,
Jio ne ghotala kiya.sahi h aaj se pahle 1 gb 2 g data dene k liye telcom compney 100 ru charge leti thi aaj 100 ru pe 30 gb mil raha hai ye dikkat h,,,saafbaat ka matlab sirf modi birodh me likhna nahi hai ,congress k dalle agr itni hi patrakarita karni h to sikh dango pe q nahi likhta,2 g ghotala pe q n likhta,beforce pe q n likhta,emergancy pe q n lilkha,,,,waha tumhari saaf baat wali ptrakarita kaha chali jati hai..gujraat dango ki to badi jankari h teri site ko tu chala ja intenational court of justice…
pichhale saal jab ye article likha tha, tabse rupya already 6-7% kamjor ho chuka hai.
Yaani ki jo “muft ka loan” 88,000 crore rupaye ka tha, ab 93,000 crore ke baraabar hai.
baaki bakwas ko ignore kar raha hun.