यूपीए सरकार अपने 10 साल के शासन के दौरान गुजरात नरसंहार के लिए कोई नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्यवाई क्यों नहीं कर सकी? इसका जवाब जांच आयोगके कानूनों
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यूपीए सरकार अपने 10 साल के शासन के दौरान गुजरात नरसंहार के लिए कोई नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्यवाई क्यों नहीं कर सकी? इसका जवाब जांच आयोगके कानूनों
यह लगभग तय है पंड्या के हत्यारे की खोज जानबूझ कर असफल रही थी।एक पूर्व गृह मंत्री की मौत की जांच क्यों इतने घटिया तरीके से की गयी की इसकी बुनियादी बातें भी गलत थीं?मकसद क्या था? हरेन पंड्या की हत्या करने से सबसे ज्यादा फायदा किसका था?
यदि गोधरा कांड वास्तव में एक पूर्व नियोजित साजिश थी जैसा गुजरात सरकार द्वारा दावा किया गया, तो फिर उनकी पुलिस को गवाहों को घूस देने की जरूरत क्यों पड़ी ? वे और अधिक विश्वसनीय गवाहों के साथ एक पुख्ता केस क्यों नहीं बना सके? उन्हें फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद अपनी ही चार्ज-शीट क्यों बदलनी पड़ गयी?
एसआईटी की जांच संघ परिवार अपराधियों के बीच एक “दायित्व की कड़ी” स्थापित करने में विफल रही हैं. मोदी के दावों को कोई चुनौती नहीं दी गयी
एसआईटी के अधिकाँश सदस्य गुजरात पुलिस के अफसर थे, ये वही संगठन था जिसके वरिष्ठ अधिकारियों पर दंगाइयों के साथ मिलीभगत के आरोपों की उसको जांच करनी थी।
मोदी ने कंट्रोल रूम में दो मंत्रियों की मौजूदगी से अनजान होने के बारे में झूठ बोला था। एसआईटी इन मंत्रियों के फोन रिकॉर्ड को ध्यान में रखकर, इनकी भूमिका की जांच करने में विफल रही।
मोदी ने बेचराजी में एक अभद्र भाषा में नफरत भरा भाषण दिया, जिस पोलीस अधिकारी ने इसका विवरण राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को प्रदान किये, उसे परेशान भी किया, और फिर दोनों काम से साफ़ झूठ बोल इनकार भी किया ।
न केवल मोदी ने एसआईटी को एक सफ़ेद झूठ बोला, बल्कि बाद में एक दूसरे सवाल जवाब में अपनी ही बात का खण्डन किया। लेकिन शक्तिहीन एसआईटी द्वारा इस को कोई चुनौती नहीं दी गयी।
यदि मोदी की मंशा वास्तव में एकदम साफ़ थी, और उन्हें कुछ भी छिपाने की ज़रुरत नहीं थी, तो फिर उनकी सरकार ने दंगों की अवधि के महत्वपूर्ण रिकॉर्ड नष्ट करने में असामान्य जल्दबाजी क्यों दिखायी, जबकि कई मामले अभी भी न्यायाधीन थे?
मोदी ने अहमदाबाद शहर में अंतिम संस्कार जुलूस की अनुमति देने के बारे में आरोप से साफ़ इनकार कर दिया । किसी वजह से एसआईटी पुलिस कंट्रोल रूम लॉग, और अंतिम संस्कार जुलूस के साथ बड़ी भीड़ के बारे में अन्य सबूत देखने में विफल रही ।