राफ़ाएल घोटाले को लेकर उठे सवालों पर सरकार द्वारा “राष्ट्रीय सुरक्षा” की आड़ में छिपना, तथ्यों को तोडना मरोड़ना, और सफ़ेद झूठ बोलना इस घोटाले को लेकर और भी शक़ पैदा करता है. यदि आपको पहले इस मसले पर कोई गड़बड़ नहीं भी दिख रही थी, तो अब ज़रूर शक होना चाहिए।
एक गलत निशाने पर चलाया गया तीर, जिसकी योजना बहुत बेकार तरीके से सोची गयी, जिसने लाखों गरीब लोगों के जीवन को बे-वजह नुक्सान पहुंचाया, और जिसे किसी ठोस आर्थिक आधार या देश हित की सोच पर नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ कमाने के लिए चलाया गया