लाशें विहिप को सौंपने के महत्वपूर्ण पहलू पर एसआईटी के परस्पर विरोधी निष्कर्ष, जांच की घटिया दर्जे को दर्शाते हैं।
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लाशें विहिप को सौंपने के महत्वपूर्ण पहलू पर एसआईटी के परस्पर विरोधी निष्कर्ष, जांच की घटिया दर्जे को दर्शाते हैं।
एक वीभत्स हत्या के 14 वर्षीय गवाह के विवरण में एक ग़लती से क्या अपराध की वीभत्सता कम हो सकती है?
यहां तक कि जिन पुलिस अधिकारियों को खुद एसआईटी द्वारा दोषी पाया था, उन्हने भी गुजरात सरकार द्वारा पुरस्कृत किया गया ।आश्चर्य की बात है, एसआईटी ने फिर भी पुलिस अधिकारियों के साथ बर्ताव के बारे में आरोप खारिज कर दिया
एक नरसंहार को नियंत्रित करने में श्री मोदी, जिन्हें आमतौर पर एक कुशल व सक्षम प्रशासक माना जाता है करने, वास्तव में असमर्थ थे, या वह इसको रोकना चाहते ही नहीं थे?
मोदी ने उन अखबारों के काम की प्रशंसा की जिन्होंने दंगों के दौरान हिंदुओं के लिए उकसाया था ।