गोधरा हमले को मोदी ने पूर्व नियोजित घोषित किया

न केवल मोदी ने एसआईटी को एक सफ़ेद झूठ बोला, बल्कि बाद में एक दूसरे सवाल जवाब में अपनी ही बात का खण्डन किया। लेकिन शक्तिहीन एसआईटी द्वारा इस को कोई चुनौती नहीं दी गयी।

एक आरोप यह था कि मोदी और उनके मंत्रियों ने गोधरा की घटना के बारे में गैर जिम्मेदाराना बयान देकर माहौल शांत करने के बजाये हिंसा को उकसाया था।

एसआईटी ने मोदी से पूछताछ की ।

प्रश्न 10: क्या आप ने यह घोषित किया था की गोधरा घटना एक पूर्व नियोजित षड़यंत्र था और इसके पीछे पाकिस्तानी/आईएसआई का हाथ था? यदि हां, तो किस आधार पर?

मोदी: मैंने विधानसभा में ऐसा कोई भी शब्द नहीं बोला था। बेशक, मीडिया ने इसके बारे में मुझसे कुछ सवाल किये थे, लेकिन मैंने [उन्हें] कहा था कि जब तक जांच पूरी ना हो जाए, कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।

गुजरात सरकार की जांच पूर्ण हो जाने से कहीं पहले कई मीडिया रिपोर्ट मोदी द्वारा गोधरा कांड को “एक पूर्व नियोजित हमला” बताये जाने की पुष्टि करते हैं । ऐसा लगता है कि घटना के दिन, 27 फरवरी 2002 को, मुख्यमंत्री द्वारा गोधरा की घटना पर जारी सरकारी प्रेस विज्ञप्ति भी इसे ‘एक पूर्व नियोजित अमानवीय सामूहिक आतंकवादी हिंसा का कृत्य’ बताती है।

उदाहरण के लिए, उसी दिन की ही, इस रिपोर्ट में यह उल्लेख है।

हमले की योजना बनाई गयी थी?
श्री मोदी ने एक ‘सुनियोजित’ हमले की संभावना की ओर इशारा करते कहा कि “हमला गोधरा रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर किया गया था, जहां यह ट्रेन केवल तीन मिनट के लिए रुकती है ‘।

इसके अलावा, इस पृष्ट को देखें, इस विषय पर कई स्रोतों के लिंक है।

कथित तौर पर, लगभग 7:30 बजे आकाशवाणी गुजराती रेडियो प्रसारण पर, मोदी गोधरा घटना को एक आईएसआई प्रेरित पूर्व नियोजित षड़यंत्र बताया  था। (हम इस बात की पुष्टि नहीं कर  सके हैं)

आश्चर्य की बात ये है, कि मोदी ने खुद ही एसआईटी को एक प्रश्न के जवाब देते हुए अपने इस पहले उत्तर का खण्डन किया है ! (प्रश्न 16)

प्रश्न 16: क्या आप गोधरा में पत्रकारों से मिले थे?
मोदी: जब मैं गोधरा कलेक्टर कार्यालय में था, वहाँ पत्रकारों का एक बहुत बड़ा समूह इकट्ठा हुआ था। मैंने उन्हें घटना के बारे में जानकारी दी और उन्हें सूचित किया कि अपराधियों को नहीं छोड़ा हो जाएगा और कि हर पीड़ित व्यक्ति को रु2 लाख के मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। मैं उन के माध्यम से जनता से शांति बनाए रखने के लिए के लिए अपील भी की। मैंने मीडिया को यह भी बताया कि मौजूद व्यक्तियों तथा घायल व्यक्तियों द्वारा सुनाये तथ्यों के आधार पर, यह घटना एक गंभीर और पूर्व नियोजित षड्यंत्र लग रही थी।

मोदी से इस पर कोई किसी चुनौती देते हुए सवाल नहीं पूछा गया।

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