यदि गोधरा कांड वास्तव में एक पूर्व नियोजित साजिश थी जैसा गुजरात सरकार द्वारा दावा किया गया, तो फिर उनकी पुलिस को गवाहों को घूस देने की जरूरत क्यों पड़ी ? वे और अधिक विश्वसनीय गवाहों के साथ एक पुख्ता केस क्यों नहीं बना सके? उन्हें फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद अपनी ही चार्ज-शीट क्यों बदलनी पड़ गयी?
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बहुसंख्यकवाद के खतरे
क्या एक अच्छी विचारधारा के बुरे इस्तेमाल की वजह से हमें एक बुरी विचारधारा का समर्थक बन जाना चाहिए? बहुसंख्यकवाद एक खतरनाक रास्ता है, ये हमें वही बना डालेगा जिससे कि हम नफरत करते हैं।
भक्ति – लक्षण, इतिहास, फैलाव और उपचार
भक्ति के रोग पर एक एक चिकित्सा गाइड जो इसकी उत्पत्ति, फैलने के ज़रिये, लक्षण, निदान और उसके उपचार के तरीकों का विश्लेषण करती है
स्वतंत्रता संग्राम में गांधीजी का योगदान
वो महात्मा गांधी ही थे, जिन्होंने अकेले स्वतंत्रता संग्राम एक जन आंदोलन बनाया संघी प्रोपगैंडा महात्मा गांधी पर लगातार हमला करता आया है। हालांकि आरएसएस
एसआईटी जांच की खामियां
एसआईटी की जांच संघ परिवार अपराधियों के बीच एक “दायित्व की कड़ी” स्थापित करने में विफल रही हैं. मोदी के दावों को कोई चुनौती नहीं दी गयी
संघ और तिरंगा – गिरगिट के तीन रंग
संघ परिवार दूसरों की देशभक्ति पर सवाल उठाता रहता है. चलिए उनके अतीत, विशेष रूप से भारत के तिरंगे झंडे के प्रति उनके रुख की जांच करते हैं
एसआईटी
एसआईटी के अधिकाँश सदस्य गुजरात पुलिस के अफसर थे, ये वही संगठन था जिसके वरिष्ठ अधिकारियों पर दंगाइयों के साथ मिलीभगत के आरोपों की उसको जांच करनी थी।
पुलिस नियंत्रण कक्ष में मंत्रियों का मौजूद होना
मोदी ने कंट्रोल रूम में दो मंत्रियों की मौजूदगी से अनजान होने के बारे में झूठ बोला था। एसआईटी इन मंत्रियों के फोन रिकॉर्ड को ध्यान में रखकर, इनकी भूमिका की जांच करने में विफल रही।
बेचराजी में नफरत भरा भाषण
मोदी ने बेचराजी में एक अभद्र भाषा में नफरत भरा भाषण दिया, जिस पोलीस अधिकारी ने इसका विवरण राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को प्रदान किये, उसे परेशान भी किया, और फिर दोनों काम से साफ़ झूठ बोल इनकार भी किया ।
गोधरा हमले को मोदी ने पूर्व नियोजित घोषित किया
न केवल मोदी ने एसआईटी को एक सफ़ेद झूठ बोला, बल्कि बाद में एक दूसरे सवाल जवाब में अपनी ही बात का खण्डन किया। लेकिन शक्तिहीन एसआईटी द्वारा इस को कोई चुनौती नहीं दी गयी।