राफ़ाएल घोटाले को लेकर उठे सवालों पर सरकार द्वारा “राष्ट्रीय सुरक्षा” की आड़ में छिपना, तथ्यों को तोडना मरोड़ना, और सफ़ेद झूठ बोलना इस घोटाले को लेकर और भी शक़ पैदा करता है. यदि आपको पहले इस मसले पर कोई गड़बड़ नहीं भी दिख रही थी, तो अब ज़रूर शक होना चाहिए।

यह लगभग तय है पंड्या के हत्यारे की खोज जानबूझ कर असफल रही थी।एक पूर्व गृह मंत्री की मौत की जांच क्यों इतने घटिया तरीके से की गयी की इसकी बुनियादी बातें भी गलत थीं?मकसद क्या था? हरेन पंड्या की हत्या करने से सबसे ज्यादा फायदा किसका था?
इस सरकार की सभी चीजों की तरह, एक फौजी आपरेशन भी मोदी के प्रचार का ज़रिया बन गया है। मीडिया सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बढ़ा चढ़ा कर अतिशयोक्ति भरे दावे कर रही है, और इसमें भारतीय सेना के अतीत की वीरता और विश्वसनीयता को चोट पहुँची है।
क्या एक अच्छी विचारधारा के बुरे इस्तेमाल की वजह से हमें एक बुरी विचारधारा का समर्थक बन जाना चाहिए? बहुसंख्यकवाद एक खतरनाक रास्ता है, ये हमें वही बना डालेगा जिससे कि हम नफरत करते हैं।
एसआईटी के अधिकाँश सदस्य गुजरात पुलिस के अफसर थे, ये वही संगठन था जिसके वरिष्ठ अधिकारियों पर दंगाइयों के साथ मिलीभगत के आरोपों की उसको जांच करनी थी।
राफ़ाएल घोटाले को लेकर उठे सवालों पर सरकार द्वारा “राष्ट्रीय सुरक्षा” की आड़ में छिपना, तथ्यों को तोडना मरोड़ना, और सफ़ेद झूठ बोलना इस घोटाले को लेकर और भी शक़ पैदा करता है. यदि आपको पहले इस मसले पर कोई गड़बड़ नहीं भी दिख रही थी, तो अब ज़रूर शक होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने राफेल सौदा फिर से कुछ इस तरह से कर डाला है कि अंबानियों को भारी फायदा पहुँचे, और इसमें भारत को बहुत अधिक नुकसान हो रहा है। अब किसी भी टेक्नोलॉजी के हस्तांतरण के बिना हम पहले से तिगुनी कीमत पर कम विमानों को खरीद रहे हैं
कांग्रेस द्वारा मजबूरी में स्वीकार किया गया देश का विभाजन, निश्चित रूप से एक दुखद त्रासदी था, लेकिन क्या इसका अकेला विकल्प बेहतर होता? या फिर भारतीय उपमहाद्वीप में कई
सावरकर की हिंदुत्व की विचारधारा क्या है? राष्ट्रीयता पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गुरु के विचार क्या है? राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सावरकर के साथ गोडसे का क्या सम्बन्ध था? संघ परिवार और उनके वैचारिक भाई हिंदू महासभा का इतिहास क्या है?